वाराणसी में सियासी हलचल उस वक्त तेज़ हो गई जब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हरीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन पर करणी सेना से जुड़े लोगों ने उनके ही घर के बाहर चाकू से जानलेवा हमला किया।
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शनिवार दोपहर की इस घटना में मिश्रा के अनुसार, वो अपने घर के बाहर खड़े थे तभी दो लोग उन पर अचानक चाकू लेकर टूट पड़े। शोर सुनकर मोहल्ले के लोग वहां पहुंचे और हमलावरों को पकड़कर उनकी जमकर धुनाई कर दी।
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📌 आरोपी बोले: नहीं है राजनीतिक संबंध
इस घटना के बाद पकड़े गए आरोपियों में से एक अविनाश मिश्रा ने खुद को “मां करणी का पुजारी” बताया और कहा कि उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी या करणी सेना से कोई संबंध नहीं है। अविनाश का कहना है कि हरीश मिश्रा ने कुछ दिन पहले मां करणी के खिलाफ झूठा बयान दिया था, उसी बात को पूछने वो गए थे लेकिन उल्टा उन्हें ही पीटा गया।
🔍 पुलिस का बयान
सिगरा थाना क्षेत्र में हुई इस घटना पर एडीसीपी सरवनन टी. ने जानकारी दी कि दो गुटों के बीच मारपीट हुई है और तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने साफ किया कि जांच में अब तक किसी का करणी सेना से सीधा संबंध सामने नहीं आया है। दोनों पक्षों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है।
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया: अखिलेश यादव का हमला
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“बनारस वाले मिश्रा जी पर जानलेवा हमला बेहद निंदनीय है। उनके खून से सने कपड़े यूपी में कानून व्यवस्था की मौत का प्रतीक हैं।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या इस घटना के बाद यूपी की ‘सुसुप्त’ सरकार कोई हलचल दिखाएगी या नहीं?
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