आगरा में गरजा राजपूताना
उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर आगरा में शनिवार को क्षत्रिय समाज का ‘रक्त सम्मान सम्मेलन’ एक आक्रोशित सभा में तब्दील हो गया। करणी सेना समेत 40 से अधिक क्षत्रिय संगठनों ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान पर विरोध जताया, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को बाबर को बुलाने वाला ‘गद्दार’ बताया था।
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सभा में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने मंच से दो टूक कहा, “यदि सुमन ने जल्द सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं मांगी, तो हम रणनीति बनाकर जवाब देंगे।” सभा में सैकड़ों लोगों ने हाथों में तलवारें, बंदूकें और भगवा झंडे लेकर शक्ति प्रदर्शन किया।
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विवाद की जड़ में क्या है?
सांसद सुमन ने संसद में 21 मार्च को कहा था कि यदि मुस्लिमों को बाबर का वंशज मानकर ‘गद्दार’ कहा जाता है, तो वही बात राणा सांगा के अनुयायियों पर भी लागू होती है, क्योंकि उन्होंने बाबर को भारत आमंत्रित किया था। यह बयान क्षत्रिय समाज को नागवार गुज़रा और तीव्र प्रतिक्रिया शुरू हो गई।
सुरक्षा कड़ी, हालात तनावपूर्ण
रक्त सम्मान सम्मेलन के मद्देनज़र आगरा में 24 चौकियों पर पुलिस तैनात की गई। सोशल मीडिया निगरानी बढ़ा दी गई और मेरठ, झांसी, मैनपुरी जैसे संवेदनशील जिलों में भी चौकसी बढ़ी।
इससे पहले 26 मार्च को सुमन के आवास पर कथित रूप से करणी सेना समर्थकों ने हमला किया था। इसी के चलते उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुरक्षा की याचिका दाखिल की।
हाईकोर्ट की शरण में सुमन
सुमन ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें और उनके परिवार को संभावित हमले से सुरक्षा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को गलत अर्थों में पेश किया गया और उनका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था।
समाज की प्रतिक्रिया
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सहित तमाम संगठनों ने सुमन के बयान को ‘इतिहास का अपमान’ बताया और राज्य सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। करणी सेना ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते सुमन माफ़ी नहीं मांगते, तो आंदोलन पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा।
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