Trump’s $5 Million ‘Gold Card’ Visa: A New Opportunity or an Expensive Deal for Indians?
वाशिंगटन | अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा नामक एक नए आव्रजन कार्यक्रम की घोषणा की है, जो EB-5 वीज़ा को प्रतिस्थापित करेगा। इस योजना के तहत, विदेशी निवेशकों को $5 मिलियन का निवेश करने पर अमेरिका की स्थायी नागरिकता (ग्रीन कार्ड) मिल सकेगी। हालाँकि, यह कदम भारतीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो वर्षों से ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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Washington | Former US President Donald Trump has announced a new immigration program called the ‘Gold Card’ visa, set to replace the existing EB-5 visa. Under this plan, foreign investors can secure US permanent residency (Green Card) by investing $5 million. However, this move has sparked concerns among Indian nationals who have been waiting for years to obtain their green cards.
गोल्ड कार्ड वीज़ा: यह क्या है और ग्रीन कार्ड से कैसे अलग है?
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Gold Card Visa: What Is It and How Is It Different from a Green Card?
ट्रंप प्रशासन के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार, यह वीज़ा दो सप्ताह के भीतर EB-5 कार्यक्रम की जगह ले लेगा। वर्तमान EB-5 वीज़ा 1990 में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था, जिसमें आवेदकों को $1 मिलियन का निवेश और कम से कम 10 नौकरियों का सृजन करना आवश्यक था।
Commerce Secretary Howard Lutnick stated that this visa will replace the EB-5 program within two weeks. The current EB-5 visa was introduced in 1990 to encourage foreign investment, requiring applicants to invest $1 million and create at least 10 jobs.
ट्रंप का गोल्ड कार्ड वीज़ा बनाम मौजूदा EB-5 वीज़ा
Trump’s Gold Card Visa vs. Existing EB-5 Visa
विशेषता | मौजूदा EB-5 वीज़ा | ट्रंप गोल्ड कार्ड वीज़ा |
---|---|---|
निवेश राशि | $800K – $1.05 मिलियन | $5 मिलियन |
नौकरी निर्माण | अनिवार्य (कम से कम 10 नौकरियाँ) | नहीं |
नागरिकता का मार्ग | 5-7 वर्ष | त्वरित प्रक्रिया |
भारतीयों के लिए प्रतीक्षा समय | 7-10+ वर्ष का बैकलॉग | कोई प्रतीक्षा नहीं |
भारतीयों पर प्रभाव: क्या यह फायदेमंद सौदा है?
Impact on Indians: Is This a Beneficial Deal?
भारत के धनी वर्ग के लिए यह योजना अमेरिका की नागरिकता प्राप्त करने का एक सरल और तेज़ तरीका हो सकता है। EB-5 वीज़ा या H-1B से ग्रीन कार्ड की लंबी प्रक्रिया के बजाय यह सीधा रास्ता प्रदान करता है।
हालाँकि, इसकी कीमत बहुत अधिक है—$5 मिलियन का निवेश करना सभी के बस की बात नहीं। वर्तमान में, EB-5 वीज़ा की कीमत $800K है, जो गोल्ड कार्ड वीज़ा से काफ़ी कम है। इसलिए, यह वीज़ा केवल भारत के सुपर-रिच वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा।
For India’s wealthy class, this scheme could be a fast-track route to US citizenship. Unlike the lengthy EB-5 visa or the H-1B to green card process, this visa offers direct access.
However, the hefty $5 million price tag makes it inaccessible to most Indians. The current EB-5 visa requires only $800K, making the Gold Card visa significantly more expensive. Hence, only India’s ultra-rich can afford this shortcut to US residency.
क्या गोल्ड कार्ड वीज़ा EB-5 को पूरी तरह बदल देगा?
Will the Gold Card Visa Completely Replace EB-5?
अगर ट्रंप प्रशासन इसे लागू करता है, तो यह पूरी तरह EB-5 कार्यक्रम को प्रतिस्थापित करेगा। इससे पहले कि यह बदलाव लागू हो, EB-5 वीज़ा के लिए आवेदन करना कुछ भारतीय निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
If implemented, Trump’s Gold Card visa will completely replace the EB-5 program. Indian investors who can’t afford the new price may find it beneficial to apply for an EB-5 visa before the change takes effect.
भारतीयों के लिए वैकल्पिक अमेरिकी वीज़ा विकल्प
Alternative US Immigration Options for Indians
- EB-5 वीज़ा (जब तक गोल्ड कार्ड इसे बदल नहीं देता)
- निवेश: $800K (टार्गेटेड एम्प्लॉयमेंट एरिया में)
- लाभ: ग्रीन कार्ड 3-5 वर्षों में (EB-2/EB-3 से तेज़)
- नुकसान: नौकरी सृजन की अनिवार्यता, उच्च मांग से प्रतीक्षा समय बढ़ सकता है।
- O-1 वीज़ा (उच्च कुशल पेशेवरों के लिए)
- तकनीकी, अनुसंधान, कला या व्यापार के क्षेत्र में असाधारण कौशल वाले लोगों के लिए।
- EB-1 ग्रीन कार्ड का रास्ता खोलता है, जिसमें भारतीयों के लिए कोई बैकलॉग नहीं है।
- L-1 वीज़ा (व्यवसाय मालिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए)
- H-1B से EB-2/EB-3 (कुशल कर्मियों के लिए वर्तमान मार्ग)
- भारतीय टेक वर्कर्स के लिए H-1B से ग्रीन कार्ड का पारंपरिक तरीका।
- सबसे बड़ी समस्या: अत्यधिक प्रतीक्षा समय (कभी-कभी दशकों तक)।