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आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में झोलाछाप क्लीनिक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई अब खुद सवालों के घेरे में है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसएन पॉलीक्लिनिक नाम की एक अवैध क्लीनिक पर छापा मारकर उसे बंद करा दिया था। इस क्लीनिक पर झोलाछाप डॉक्टर बिना लाइसेंस के मरीजों का इलाज कर रहे थे। लेकिन, 24 घंटे के भीतर यह क्लीनिक दोबारा चालू हो गई, जिससे विभागीय कार्रवाई की गंभीरता पर प्रश्न खड़े हो गए हैं।
छापेमारी में क्या मिला?
स्वास्थ्य विभाग के अपंजीकृत अस्पताल सेल के नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानिया के नेतृत्व में हुई छापेमारी में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। क्लीनिक के बोर्ड पर चार डॉक्टरों के नाम दर्ज थे, लेकिन मौके पर न तो कोई प्रमाणित डॉक्टर मौजूद था और न ही लाइसेंस। झोलाछाप आफताब और बंटी उर्फ देवी सिंह बिना किसी चिकित्सकीय योग्यता के मरीजों का इलाज कर रहे थे। क्लीनिक में बिना रजिस्ट्रेशन के दवाओं का भंडारण, मेडिकल वेस्ट और अन्य अव्यवस्थित सामग्री भी मिली। कार्रवाई के दौरान दोनों झोलाछाप फरार हो गए।
कार्रवाई के बावजूद फिर से खुली दुकान
स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को क्लीनिक को बंद करने के लिए ताला लगाया और थाने में शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन मंगलवार को स्थानीय लोगों ने देखा कि क्लीनिक दोबारा खोल दी गई और मरीजों का इलाज फिर से शुरू हो गया।
विभाग की सफाई और अगली योजना
डॉ. जितेंद्र लवानिया ने इस घटना पर कहा कि हो सकता है ताला सही तरीके से न लगाया गया हो। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि बुधवार को पुलिस की मदद से दुकान को दोबारा बंद कराया जाएगा और संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीम से इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है।
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